सरल भगवद गीता – सार रूप (Simplified Bhagavad Gita – Summarized)
” सरल भगवद गीता – सार रूप ” गोलोक एक्सप्रेस के संस्थापक डॉ निखिल गुप्ता जी द्वारा रचित ऐसी पुस्तक है जो बहुत ही पवित्र मिशन को ध्यान में रखकर लिखी गई है।
सबसे महत्वपूर्ण बात ध्यान देने योग्य है कि यह बहुत ही सरल और आम बोलचाल की भाषा में लिखी गई है,जिसे कोई साधारण इंसान भी पढ़ सकता है। इस किताब को यदि कोई साधारण दुनियादारी में फंसा हुआ इंसान भी पढ़ लें तो वह भी आध्यात्मिक बन सकता है। क्यों कि इस किताब में भक्ति से जुड़ी जितनी भी ग़लत धारणाएं एक साधक के मन हो सकती है, उन सबका खंडन तथ्यों सहित किया गया है, जिससे साधक के मन के सभी संशय भी खत्म हो जाते हैं और वह भक्ति मार्ग पर मन लगाकर चल सकता है।
इस किताब में डाक्टर निखिल गुप्ता जी द्वारा बनाए गए तीन ऐसे माडल है जो बहुत ही व्यावहारिक है, जिन्हें कोई साधारण इंसान भी यदि पढ़ें , समझे और अपने व्यावहारिक जीवन में उतारें तो वह अपने जीवन में चमत्कारिक रूप से बदलाव महसूस कर सकते हैं।
सबसे रूचिकर बात इस किताब की यह है कि कोई व्यक्ति यदि भगवद गीता पढ़ना चाहता है, और उसके पास समय का अभाव है, या हमें संस्कृत के श्लोक समझ नहीं आते , तो इस किताब को पढ़कर भगवद गीता के सार को हम बहुत अच्छे से समझ सकते हैं। भगवद गीता की मुख्य शिक्षाएं, जोकि इस किताब में लिखी गई है, हम केवल उन्हीं का अनुसरण करें तो भी हमारा जीवन सरल और सहज बन सकता है।
इस किताब में नाम जाप के बारे में भी बताया गया है। नाम जाप बहुत ही सरल युक्ति है आध्यात्मिक विकास करने की।
आईए इस पुस्तक के माध्यम से भगवद गीता के ज्ञान को घर घर तक पहुंचाने का प्रयास करें और गोलोक एक्सप्रेस के मिशन घर घर मंदिर, हर मन मंदिर को पूरा करने में सहयोग दें।