वृद्ध आश्रम
Old age home का अर्थ है, वृद्ध जनों का आश्रम, अर्थात जहां पर कई वृद्ध स्त्री- पुरुष रहते हैं ।वृद्ध आश्रम ना प्रकृति की व ना ही हमारी संस्कृति की देन है ।अपितु भारत देश के लिए यह विडंबना है कि जिस धरती पर माता-पिता को भगवान का स्वरूप माना जाता है, इस धरती पर उनकी स्थिति बहुत दयनीय है। यह हमारे समाज व संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है। कुछ संभ्रांत परिवार की संताने अपने वृद्ध माता-पिता को स्वयं पर बोझ समझकर उन्हें वृद्ध आश्रम छोड़ आते हैं ।आज हमारा पढ़ा लिखा समाज इतना स्वार्थी व अंधा हो गया है, कि जिन माता-पिता ने अपनी संतान को बड़ा करने के लिए अपना सर्वस्व जीवन व जमा पूंजी उन पर न्योछावर कर दी होती है, वही उन्हें बुढ़ापे में दर बदर भटकने के लिए छोड़ देते हैं। ऐसे में सरकार व निजी संस्थाओं द्वारा स्थापित वृद्ध आश्रम इन वृद्धों की देखरेख के लिए आगे आते हैं, और इन्हें आगे बढ़कर सहारा देते हैं ।यहां वृद्ध जनों की चिकित्सा, खान-पान, मनोरंजन, रिहायश व दूसरी जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाता है।
गोलोक एक्सप्रेस के संस्थापक निखिल जी और नितिन जी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं ।उनकी प्रेरणा से सेवा भाव युक्त होकर गोलोक एक्सप्रेस के भक्तजन विभिन्न वृद्धाश्रम में जाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। निशुल्क श्रीमद् भागवत गीता सार रूप पुस्तक, माला, माला बैग, टेलीकाउंटर व मंत्र बॉक्स निशुल्क वितरित किए जा रहे हैं। हरे कृष्ण महामंत्र की महिमा व इसका जाप करना भी सिखाया जा रहा है ।श्रीमद् भगवद्गीता की शिक्षाएं समझा कर उनका मनोबल बढ़ाया जाता है, जिससे वे सब अपने जीवन के संध्या काल में सांसारिक दुखों को भूलकर प्रभु के ज्ञान को सुनकर असीम आनंद अनुभव करते हैं ।इस तरह की गतिविधियों में भाग लेकर भक्त जनों को प्रभु सेवा करने का स्वर्णिम अवसर मिल रहा है। धन्य है ,हम सब जो गोलोक एक्सप्रेस के सानिध्य में रहकर ऐसी प्यारी सेवाएं कर पा रहे हैं।