विचारधाराए(Ideologies)
गोलोक एक्सप्रेस की कार्य प्रणाली पारिवारिक मॉडल पर आधारित है जिसमें एक व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास पर बल दिया जाता है। गोलोक एक्सप्रेस में बहुत ही सरल एवं सुगम भाषा का प्रयोग करते हुए, व्यावहारिक जीवन से संबंधित उदाहरण देकर भक्तों को ना केवल शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों का अध्ययन कराया जाता है अपितु किस प्रकार इन बातों को अपने जीवन में उतारना है, यह भी बताया जाता है। भक्तों के मनोबल को बढ़ाने और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रशंसा द्वारा सकारात्मक उर्जा का प्रसार करने का प्रयास किया जाता है। गोलोक एक्सप्रेस विचार, अचार और प्रचार के सिद्धांत पर आधारित है जिसका मकसद प्रेम से प्रचार करना है ना कि मोह से। यहां भक्ति को लेकर समाज में प्रचलित मिथ्या भ्रांतियों का खंडन किया जाता है। गोलोक एक्सप्रेस सभी के विचारों का सम्मान करता है और यह दृष्टिकोण रखता है कि हम सबका अंतिम लक्ष्य ईश्वर को प्राप्त करना है जो कि किसी भी मार्ग पर चलकर किया जा सकता है।
1.) परिवार जो एक साथ प्रार्थना करता है, एक साथ रहता है, वह एक साथ आगे बढ़ता है : गोलोक एक्सप्रेस में भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए परिवार का नहीं बल्कि अपने अवगुणों का त्याग करने पर बल दिया जाता है। जब परिवार के सभी लोगों का ध्यान एक दूसरे को परिवर्तित करने पर नहीं, अपितु स्वपरिवर्तन पर केंद्रित हो, तभी सभी जन एक साथ जीवन में प्रगति कर सकते हैं। भक्ति मार्ग पर चलने से दैविक गुण जैसे विनम्रता, सहनशीलता आदि बढ़ते हैं और आसुरी गुण जैसे क्रोध करना, निंदा करना इत्यादि, जो कि परिवारों के बिखरने का मूल कारण है, वे कम होते हैं। भक्ति को केंद्र में रखने से पीढ़ियों का अंतर कम होता है और पारिवारिक संबंधों में मधुरता बनी रहती है।
2. समग्र शिक्षा: समग्र शिक्षा वह प्रज्ञता है जो मात्र व्यवसायिक उन्नति पर केंद्रित न होकर व्यक्ति के सर्वांगीण विकास पर आधारित है। यदि हम वर्तमान परिदृश्य का विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि आज कहीं पर भी ऐसा कोई स्कूल या कॉलेज नहीं है जहां व्यक्ति को अपनी भावनाओं और अपनी विफलताओं से लड़ना सिखाया जाता हो, जिस कारण आज के समय में अवसाद व आत्मघात की खबरें आए दिन हमें सुनने को मिलती हैं। समग्र शिक्षा हमें सफल, संतुलित और खुशहाल जीवनयापन की कला सिखाती है। यह हमारे व्यवसायिक स्वास्थ्य के साथ साथ आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाती है। इससे हमारी निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है और हम सही गलत के भेद को समझकर दृढ़ता से अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं।
3. प्रशंसा द्वारा सकारात्मक ऊर्जा का संचार: गोलोक एक्सप्रेस में भक्तों की आध्यात्मिक प्रगति व उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए प्रशंसा द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है जिसके फलस्वरूप भक्तों के जीवन में बहुत से सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं तथा उनकी प्रतिभा और कौशल का विकास हुआ है। बात चाहे सार्वजनिक सम्मेलन का संचालन करने की हो, आध्यात्मिक प्रगति से जुड़े अपने अनुभव साझा करने की या फिर अपनी कलाकृतियों और भजनों के माध्यम से सब को भाव विभोर करने की, गोलोकियंस हर तरह से निपुण होकर भक्ति के प्रचार प्रसार की गति में सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं जिसका श्रेय केवल प्रशंसा द्वारा भक्तों में हुए सकारात्मक ऊर्जा के संचार को ही जाता है।
4. सरल भाषा तथा व्यवहारिक उदाहरणों का उपयोग: गोलोक एक्सप्रेस में भक्तों को शास्त्रों के गूढ़ रहस्य समझाने के लिए सरल भाषा का इस्तेमाल किए जाने के साथ साथ इस ज्ञान को अपने जीवन में उतारने के लिए व्यवहारिक उदाहरण दिए जाते हैं ताकि वे सुगमता से इस जटिल ज्ञान को ग्रहण कर आचरण में ला सकें। गोलोक एक्सप्रेस की इसी विचारधारा के कारण ईश्वर की असीम कृपा से आज हर श्रेणी के व्यक्ति तक भगवद ज्ञान का प्रकाश फैल रहा है और देश विदेश के विभिन्न भागों से लोग इस संस्था में सम्मिलित होते जा रहे हैं।
5. निः शुल्क निः स्वार्थ सेवा: गोलोक एक्सप्रेस द्वारा सभी सेवाएं निः शुल्क एवं निः स्वार्थ भाव से की जाती हैं ताकि भगवद प्रेम तक पहुंचने में कभी भी किसी के भी लिए धन का कारक बाधा न बने। यहां कभी भी किसी को भी दान करने हेतु बाधित नहीं किया जाता, अपितु जन साधारण की भक्ति मार्ग पर शीघ्र प्रगति के लिए भक्ति में सहायक वस्तुएं जैसे किताब, टेलीकाउंटर, माला, माला बैग, मंत्र बॉक्स इत्यादि भेंट रूप में हजारों भक्तों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। हमारा यह मानना है की भक्त गोलोक एक्सप्रेस से जुड़कर भक्ति मार्ग पर अग्रसर होने का आनंद लें तथा प्रचार प्रसार में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें जिसमें पैसा अवरोध न बने।
6. विचार, आचार और प्रचार: गोलोक एक्सप्रेस में भक्ति का प्रचार व प्रसार, विचार- आचार- प्रचार के क्रमानुसार किया जाता है जिसमें भक्त पहले सत्संग में सिखाई गई बातों पर गहराई से मनन-चिंतन अर्थात विचार करके उसे समझते हैं, फिर उसी ज्ञान को अपने आचरण में लाने का प्रयत्न करते हैं और जब उनके आचार में परिवर्तन आने लगता है तो स्वतः ही वे समाज सुधार में अपना योगदान देने लगते हैं। यहीं से भक्ति का प्रचार व प्रसार होने लगता है क्योंकि अन्य लोग इनके जीवन में आए परिवर्तन को आदर्श मानकर स्वयं ही अपने जीवन में बदलाव लाने में प्रयासरत होने लगते हैं।
7. अपने पथ से प्रेम करो और दूसरों के मार्ग का भी सम्मान करो: गोलोक एक्सप्रेस की यह विचारधारा इस तथ्य पर आधारित है कि चाहे भगवद प्राप्ति के लिए हम कोई भी मार्ग क्यों न चुनें, हम सबका परम लक्ष्य अपने अवगुणों को घटाकर सद्गुणों को बढ़ाना होना चाहिए क्योंकि आध्यात्मिक जीवन जीने का मकसद हमारे आचरण में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। गोलोक एक्सप्रेस सभी धर्मों व संस्थाओं में पाई जाने वाली विविधताओं का सम्मान करता है और हमारा विश्वास है कि ईश्वर की दिव्य योजनाओं के अनुसार ही सबका आध्यात्मिक पथ ईश्वर द्वारा स्वयं निर्धारित किया जाता है। सद्भावनापूर्ण समाज की रचना के लिए गोलोक एक्सप्रेस में अपने मार्ग का निष्ठापूर्वक अनुसरण करने, भक्ति का प्रचार व प्रसार करने तथा सभी का सम्मान करने पर बल दिया जाता है क्योंकि सफल समाज के निर्माण के लिए सबके साथ और सबके विकास की आवश्यकता होती है।
8. भक्तों का सशक्तिकरण: गोलोक एक्सप्रेस में भक्तों के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास पर बल दिया जाता है ताकि वे अपने आध्यात्मिक व सांसारिक जीवन के कर्तव्यों का निर्वाह करने में एक अच्छा संतुलन विकसित कर सकें। भक्तों को नई तकनीकों से अवगत करवाकर अपने आध्यात्मिक अनुभव, कविता, भजन, शास्त्रों से मिली सीख इत्यादि को वीडियो व पॉडकास्ट के माध्यम से जनसाधारण के साथ साझा करने के लिए प्रेरित किया जाता है। भक्तों को लाइव सत्संग के माध्यम से भी अपने अनुभव बांटने और सत्संग संचालित करने का भी मौका दिया जाता है। गोलोक एक्सप्रेस का प्रचारक समूह, जिसमें वर्ष 2023 तक 600 से भी अधिक विशेष सदस्य सम्मिलित हो चुके हैं,” हर एक, किसी एक को सिखाए” की पद्धति पर आधारित है। इन भक्तों को इस कार्य के लिए प्रत्येक सप्ताह 5 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाता है। ये सभी भक्त अपने जीवन में आए परिवर्तन के माध्यम से दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनते हैं तथा समय समय पर विभिन्न सेमिनार आयोजित करके, घर में भक्ति संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन कर, गौशालाओं, वृद्धाश्रमों, अनाथाश्रमों तथा नशा मुक्ति केंद्रों में अपनी सेवाएं देते हैं। साथ ही साथ वे कई प्रकार के उल्लेखों और विडियोज के द्वारा गोलोक एक्सप्रेस के मिशन घर घर मंदिर, हर मन मंदिर को साकार करने के लिए प्रभु की फौज की भांति सदैव तत्पर रहते हैं।
9. प्रेम आधारित प्रचार : गोलोक एक्सप्रेस में प्रचार मोह से नहीं अपितु प्रेम से करने पर बल दिया जाता है। यह संस्था वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा पर विश्व भर में शांति और सद्भावना का संदेश फैलाने का कार्य कर रही है। यहां भक्ति के प्रचार को केवल परिवार के चार जनों तक सीमित न रखते हुए सम्पूर्ण विश्व को अपना परिवार जानकर, बिना किसी भेदभाव के, उन सभी लोगों को भक्ति में आगे बढ़ाने का भरपूर प्रयास किया जाता है जो अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर होना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर शक्की, अभिमानी और तर्क वितर्क करने वाले लोगों में प्रचार करके अपनी ऊर्जा और समय को व्यर्थ ही व्यय नहीं किया जाता। यहां किसी को भी जबरदस्ती इस मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित नहीं किया जाता क्योंकि हमारा मानना है कि यह आत्मसाक्षात्कार का मार्ग है, जहां सबकी यात्रा और गति एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न व अद्वितीय है।
10. भ्रांतियों का खण्डन : हमारे समाज में भक्ति को लेकर बहुत सी भ्रांतियां प्रचलित हैं जैसे कि मेरे पास भक्ति के लिए समय नहीं है, भक्ति तो बुढ़ापे के लिए है, भक्ति के लिए तो परिवार छोड़ना पड़ता है, मेरे अंदर तो बुरी आदतें हैं तो मैं भक्ति नहीं कर सकता हूं, भक्ति का व्यावहारिक जीवन से कोई संबंध नहीं है इत्यादि। इन सभी भ्रांतियों के कारण लोग भक्ति को अपने जीवन में नहीं अपनाते, जिस कारण हमारे समाज में अनेक प्रकार की बुराइयां जैसे क्रोध, अभिमान, कलह कलेश व असंतोष आदि दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। भक्ति हमारे हृदय को शुद्ध करती है और हमें अपने विकारों से मुक्त होने में हमारी सहायता करती है। जिस प्रकार प्रज्वलंत अग्नि अपने भीतर सब कुछ समा लेती है और स्वयं जलती रहती है उसी प्रकार प्रभु भी एक पवित्र सागर के समान है जिसमे मिल जाने से हम पवित्र होते हैं न की प्रभु मे लीन होते हैं। गोलोक एक्सप्रेस में सभी भ्रांतियों का खण्डन किया जाता है और शास्त्र संगत सही तथ्यों को आम लोगों तक सरलता से विभिन्न सत्संगों के माध्यम से पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। इसी उद्देश्य से गोलोक एक्सप्रेस यू ट्यूब चैनल पर Myth Busters नामक विडियो प्लेलिस्ट भी बनाई गई है जो कि भक्ति से जुड़ी सभी शंकाओं को दूर करती है और हमें आत्मशुद्धि के इस मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।