लघु पाठ्यक्रम (Short Courses)
कल्याण हित में वसुधैव कुटुंबकम के भाव से मानवता को भगवद ज्ञान के रास्ते पर आगे बढ़ाने हेतु गोलोक एक्सप्रेस अलग-अलग समय पर भगवत गीता का ज्ञान घर घर पहुंचाने का निस्वार्थ प्रयास करते रहता है। गोलोक एक्सप्रेस का लक्ष्य ही है घर-घर मंदिर हर मन मंदिर।
1 से 2 साल तक के समय सीमा में चलने वाले भगवद गीता के विस्तार से जो कोर्स है उसे हर कोई नहीं कर पाता है। यह ध्यान में रखते हुए की समय और धैर्य का अभाव होता है, गोलोक एक्सप्रेस इसके पर्याय स्वरूप छोटे-छोटे कोर्सेज लाते रहते हैं ताकि हम इस गुढ़ ज्ञान को ग्रहण कर अपने मनुष्य जीवन को सार्थक बना पाए।
भगवद गीता का स्टैंडर्ड कोर्स कम से कम 1 साल लेता है वही भगवत गीता विस्तार से कोर्स कम से कम 2 साल लेता है सो हर कोई नियमित आधार पर इन कोर्स को नहीं कर पाते हैं इन सभी कोर्स के लिए धैर्य की बहुत जरूरत होती है जो अधिकांश लोग नहीं कर पाते। उन सभी के लिए न्यूनतम समय सीमा लिए कम से कम समय में हम ज्यादा से ज्यादा भगवद ज्ञान से परिचित हो पाए इस सोच से यह शॉर्ट कोर्सेज लाए गए हैं।
101 गीता की सबसे महत्वपूर्ण श्लोक
गीता अध्ययन की चाहत है, भगवत ज्ञान को जानना है, पर धैर्य और समय की कमी है ? निराश मत होइए, आपके लिए गोलोक एक्सप्रेस ने बहुत ही प्यारा समाधान निकाला है। जन-जन में जागरूकता लाने, वैदिक संस्कृति से जोड़ने, समाज में भगवद गीता के बारे में जो गलत धारणाएं है उनको तोड़ने और भगवद ज्ञान से अवगत कराने का प्रयास किया है। समय के अभाव को देखते हुए व्यस्ततम जीवन शैली में से थोड़ा सा समय निकालकर सभी जन इस भगवद ज्ञान का लाभ उठा सके, इस अद्भुत सोच से गोलोक एक्सप्रेस के फाउंडर निखिल जी और को-फाउंडर नितिन जी ने सरल भगवत गीता के शॉर्ट कोर्स सभी साधकों के लिए उपलब्ध कराए हैं।
अभिनंदन सभी का! हम सभी बड़े भाग्यशाली हैं कि गीता जयंती महोत्सव के चलते, गोलोक एक्सप्रेस के प्रयास से श्रीमद्भगवद्गीता के सबसे महत्वपूर्ण 101 श्लोकों का हम श्रवण कर रहे हैं और इस गुढ़ ज्ञान को समझकर अपने जीवन को सार्थक बनाने की कोशिश कर सकते हैं। जिसमें केवल पांच सत्संग में हम भगवद ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं। जिसमें हम अध्याय 1 से अध्याय 3 का एक सत्संग में, अध्याय 4 से अध्याय 6 दूसरे सत्संग में, अध्याय 7 से अध्याय 10 तीसरी सत्संग में अध्याय 11 से अध्याय 14 चौथे सत्संग में और अंत में अध्याय 15 से अध्याय 18 का अध्ययन करेंगे।
भगवान जी ने श्रीमद् भगवद् गीता में हमें इस जीवन में क्या करना है ,कैसे करना है हर एक चीज बहुत ही डिटेल में बताई है, शास्त्रों में लिपिबद्ध की है लेकिन अज्ञानतावश हमें पता ही नहीं है। थैंक्स टू गोलोक एक्सप्रेस जिनके अनोखे प्रयास ने हमें ईश्वर से मिलाया, ईश्वर के दिए ज्ञान से मिलाया।
इतने गूढ़ ज्ञान को इतनी सरलता से उदाहरणों के साथ समझाने के लिए, हमें उचित मार्गदर्शन देने के लिए धन्यवाद निखिल जी नितिन जी धन्यवाद गोलोक एक्सप्रेस हरि हरि बोल।
।। श्रीमद्भगवद्गीता की जय।।
भगवद् गीता के 23 सबसे महत्वपूर्ण श्लोक
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं सहित 2023 नव वर्ष की शुरुआत भगवद् गीता के 23 सबसे महत्वपूर्ण श्लोकों के साथ, गोलोक एक्सप्रेस की यह पहल ही बड़ी दिव्य, अनोखी और बहुत ही खास है।
भगवान जी की विशेष कृपा बनी रहे इस सोच के अंतर्गत की बीते वर्ष के लिए भगवान जी का आभार व्यक्त करें और आने वाले वर्ष के लिए भगवान जी से प्रार्थना करें ताकि भगवान जी हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखें साथ ही भगवान जी की प्रेरणा और भक्तों के आग्रह से निखिल जी ने बीते साल के अंतिम दिन का समापन और आने वाले साल के पहले दिन की शुरुआत भगवत गीता के ज्ञान के साथ करने का सोचा। हम इस शॉर्ट कोर्स में 31st को गीता के अध्याय 1 से 9 और 1 जनवरी 2023 को अध्याय 10 से 18 के 23 महत्वपूर्ण श्लोक करेंगे। क्योंकि हम 2023 में प्रवेश कर रहे हैं इसलिए 23 महत्वपूर्ण श्लोकों को लिया गये है।
दो दिन के इस कोर्स में गोलोक एक्सप्रेस के फाउंडर निखिल जी और को-फाउंडर नितिन जी हमें भगवत गीता क्या है इस बारे में पूरी जानकारी देते है जिसे समझकर और जीवन में उतारकर हम अपने अनेकों सवाल के जवाब पाते हैं जो हमें नकारात्मकता से सकारात्मक सोच की ओर ले जाती हैं और हमें हर परिस्थिति से लड़ने में सक्षम बना कर निर्णय लेने की पावर भी देती है। इतना ही नहीं यह कोर्स भगवत गीता के बारे में हमारी कई भ्रांतियों को तोड़ते हुए हमें सामंजस्य पूर्ण जीवन जीने की कला सिखाता है। हमारी सोच को , हमारे कर्म करने के तरीके को भगवद् गीता पूरी तरह से बदल देती है और हमें आनंद की ओर ले जाती है।
बहुत-बहुत धन्यवाद निखिल जी का नितिन जी का और समस्त गोलोक एक्सप्रेस का जिनके समर्पण और सेवा भाव से हम अपने जीवन को सार्थक बनाने की ओर प्रयास कर पा रहे हैं। भगवान जी की इस विशेष कृपा के लिए दिल से धन्यवाद। हरि हरि बोल।
।। श्रीमद्भगवद्गीता की जय।।