पुनर्वास केंद्र
पुनर्वास प्रक्रिया के अंतर्गत अशक्त और अस्वस्थ व्यक्ति के दैनिक जीवन के कार्यों में आवश्यक क्षमताओं को वापस पाने में या सुधारने में मदद की जाती है ।वर्तमान युग में व्यक्ति का खान-पान, रहन-सहन, आसपास का वातावरण, सोच विचार इतना नकारात्मक हो चुका है, कि वह शारीरिक, मानसिक और अनेक प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहा है। कई बार ऐसे व्यक्तियों के प्रति परिवार का रवैया भी सहानुभूति पूर्ण नहीं रहता, व्यक्ति उपेक्षा का पात्र बनकर रह जाता है। घर के लोग भी ऐसे व्यक्ति की सहायता और देखभाल करने में स्वयं को असमर्थ पाते हैं। इस पीड़ा से ग्रसित व्यक्ति कभी-कभी इतना हिंसक हो जाता है कि स्वयं को व परिवार को हानि पहुंचाने लग जाता है।ऐसे में जरूरत है, ऐसे वातावरण की जहां उन्हें पूर्ण चिकित्सा, सुविधा, सहानुभूति व सही परामर्श मिले और यह सब सुविधा सरकारी व निजी पुनर्वास केंद्रों में ही मिलती हैं।
गोलोक एक्सप्रेस में सेवा की भावना को प्रमुख स्थान दिया गया है। जिसके तहत निखिल जी और नितिन जी की प्रेरणा से भक्तजन सेवा भाव से युक्त होकर पुनर्वास केंद्रों में जा रहे हैं, और अवसाद ग्रस्त व्यक्तियों को दिव्य शास्त्र ग्रंथ भगवद् गीता के ज्ञान से अवगत करवा रहे हैं ।नाम जाप का महत्व बताकर उन्हें भक्ति मार्ग से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ।जिससे वे सब अपनी समस्याओं से मुक्ति पा सके। भक्तजन वहां जाकर अपने व अपने बच्चों के जन्मदिन, वर्षगांठ व अन्य महत्वपूर्ण दिन मना रहे हैं। जिससे इन लोगों को बहुत आनंद आता है और उनके अंदर जीवन जीने की नई उमंग व उत्साह उत्पन्न होता है । वे जल्दी स्वास्थ्य लाभ की तरफ बढ़ते हैं ।धन्य हैं, हम सब जो गोलोक एक्सप्रेस से जुड़कर इतनी प्यारी सेवाएं कर पा रहे हैं, कोटि-कोटि धन्यवाद है, गोलोक एक्सप्रेस को। नर सेवा नारायण सेवा है, यह पाठ पढ़ाया जा रहा है।